रिपोर्टर :- कंचन यादव
रायपुर :- बलौदाबाजार के बिजली परिसर में हुई हिंसक घटना ने शांति के टापू माने जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य की छवि को दागदार कर दिया। इस घटना की निंदा उत्पीड़न से होने लगी। जिले में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठे। आज भर की उठापटक के बाद सरकार ने बलौदाबाजार के दोनों जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर एवं एसपी को हटाने का फैसला किया है। पंजीयक, सहकारिता दीपक सोनी अब बलौदाबाजार कलेक्टर होंगे। अब सरगुजा एसपी विजय अग्रवाल बलौदाबाजार की कानून व्यवस्था संभालेंगे।
उनकी जगह सेनानी चौथी वाहिनी के सरगुजा एसपी योगेश पटेल की जिम्मेदारी दी गई है। बलौदाबाजार एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है।आज देर शाम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवास कार्यालय में सतनामी समाज के साथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल दयाल दास बघेल उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, टंकाराम वर्मा, विधायक अजय चंद्राकर और पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा की उपस्थिति में बैठक की। इससे पहले शाम को सरकार के तीन मंत्री दयालदास बघेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुई घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया गया।
वहीं इस पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना के लिए प्रशासन की ना कामी को जिम्मेदार बताया और कहा कि ” इस सरकार का कुछ खत्म हो चुका है। छत्तीसगढ़ में इतनी बुरी घटना पहली बार घटी है। मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तत्काल पद से इस्तीफा देना चाहिए। समाज के लोगों की बस इतनी मांग थी कि सही सकारात्मक पकड़ा जाए, लेकिन पुलिस प्रशासन ने ठीक से काम नहीं किया और बाहर से आए मजदूरों को पकड़कर खानापूर्ति कर ली।
15 मई की घटना है और सरकार अब तक सोती रही। पहले जांच का आदेश दिए होते तो यह घटना नहीं होती। अगर सही सकारात्मक पकड़ा जाए तो लोगों में दुख ही नहीं फैलता।”मूल निवासी ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी कलेक्टर को पेमेंट देने पहुंचे तो वह मिले ही नहीं क्योंकि उनका पेमेंट और बढ़ गया और कलेक्टर बिल्डिंग को ही आग के हवाले कर दिया।