रिपोर्टर :- कंचन यादव
रायपुर :- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय और यूपीएससी परीक्षा की कोचिंग व्यवस्था की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने प्रशंसा की। अहीर की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित नवीन विश्राम गृह में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव आशीष उपाध्याय, सलाहकार राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, सचिव सामान्य प्रशासन अम्बलगन पी., सचिव कौशल विकास डॉ. एस. भारती दासन, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा जनक पाठक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विभाग के संचालक नरेन्द्र दुग्गा, और समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अहीर ने छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्गों के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और उनकी प्रशंसा की। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का समुचित पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शासकीय संस्थाओं के साथ-साथ निजी संस्थाओं में भी पिछड़े वर्गों के लोगों को आरक्षण के तहत लाभ मिलना चाहिए।अहीर ने राज्य में गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की सराहना की और कहा कि इससे संबंधित हितग्राहियों को आय के अन्य स्रोतों की व्यवस्थित जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में सूचीबद्ध पिछड़े वर्ग की संख्या की जानकारी लेते हुए बताया कि राज्य में सूचीबद्ध 95 पिछड़ी जातियों में से 67 जातियां केंद्रीय सूची में शामिल हैं। उन्होंने राज्य की अन्य जातियों को भी केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया।इस बैठक में आयोग ने पिछड़े वर्गों के लिए उपलब्ध आय के अन्य स्रोतों और योजनाओं की व्यवस्थित जानकारी प्रदान करने पर भी बल दिया।
अहीर ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और भविष्य में भी इसी तरह के प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। इस समीक्षा बैठक में राज्य के सभी प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने आयोग के समक्ष अपनी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। इस दौरान पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत चर्चा हुई और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया।