ऐंसेंबली में धूप में बच्चों को घंटों खड़ा कर देते हैं कुछ स्कूल, इसलिए अभिभावकों ने छुट्टी बढ़ाने किया था निवेदन , शिक्षामंत्री को पत्र भेज जताया आभार …

रिपोर्टर :- कंचन यादव

रायपुर :- भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गर्मी की छुट्टियां 25 जून तक बढ़ा दी हैं। अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को ईमेल कर धन्यवाद भेजा है। अभिभावक सारिका श्रीवास्तव, उमाशंकर सोनी , प्रतीक वर्मा आदि ने शिक्षा मंत्री को बताया कि बहुत से स्कूल प्रार्थना के नाम पर बच्चों को खुले आसमान के नीचे धूप में घंटा खड़ा कर देते हैं। इस साल जून मौसम प्रतिकूल है। उसस भरी गर्मी पड़ रही है।

ऐसे में इन बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। शिक्षा मंत्री ने पेरेंट्स के इस निवेदन पर विचार करते हुए छुट्टियों को 25 जून तक बढ़ा दिया है। अब इन पैरंट्स को थोड़ी राहत मिली है। इसके साथ ही पैरंट्स ने शिक्षामंत्री से सभी स्कूलों के लिए बच्चों को प्रार्थना अथवा किसी भी कार्यक्रम के नाम पर अधिक देर तक धूप में खड़ा नहीं करने संबंधी निर्देश जारी करने की मांग भी की है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि किसी सार्वजनिक कार्यक्रम अथवा किसी बड़े मंत्री के आगमन के मौके पर बच्चों को पढ़ाई छोड़कर रैली के लिए ले जाया जाता है। जहां बच्चे विशिष्ट अतिथि के आने की प्रतीक्षा में घंटा धूप में खड़े कर दिए जाते हैं।

ऐसे मौके पर ज्यादातर बच्चों की तबीयत बिगड़ जाती है और शिक्षकों को भी परेशान होना पड़ता है। लिहाजा स्कूली बच्चों के इस तरह के उपयोग पर भी पाबंदी लगाई जानी चाहिए। अभिभावकों ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों का शिक्षामंत्री ने स्वयं संज्ञान लिया। छत्तीसगढ़ में गर्मी और हीटवेव के कारण ये फैसला लिया गया है।

_अभिभावक ने शिक्षामंत्री को शिक्षकों के लिए भी इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करने का निवेदन किया है। अनुभव रहा है कि ऐसे आदेश तोड़ मरोड़कर स्कूल अपने हिसाब से लागू करते रहे हैं। दरअसल छुट्टी के दौरान संस्था हेड होने के नाते प्राचार्यों को छुट्टी में भी स्कूल आना पड़ता है। इसलिए वे अधीनस्थ शिक्षकों की छुट्टी रास नहीं आती है।

आदेश का अपने हिसाब से मतलब निकालकर शिक्षकों को स्कूल बुला लेते हैं। जबकि इस साल शिक्षकों का काफी छुट्टी लोकसभा चुनाव और ट्रेनिंग में खराब हुआ है। शिक्षक परिवारों का कहना है कि शिक्षक भी इंसान है इसलिए आदेश शिक्षकों के लिए भी स्पष्ट रूप से प्रभावित होना चाहिए।_

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