रायपुर(Raipur)सिलियारी स्थित रियल पेपर मिल में लाखों की संख्या में स्कूली किताबें कबाड़ में पड़ी मिली हैं। इन किताबों के कबाड़ में मिलने से शिक्षा व्यवस्था और सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस मामले को उजागर करते हुए शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
माता सरस्वती का अपमान और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय का कहना है कि यह माता सरस्वती का अपमान है, क्योंकि किताबें ज्ञान का प्रतीक होती हैं और इन्हें इस तरह कबाड़ में फेंक देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उनका आरोप है कि सरकार ने इन किताबों की छपाई पर करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन इन्हें बच्चों तक पहुँचाने की बजाय कबाड़ में बेच दिया गया।
भ्रष्टाचार का आरोप और धरने की मांग
विकास उपाध्याय ने किताबों की छपाई और बंटवारे में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में किताबें कबाड़ में कैसे पहुंचीं? यह मामला शिक्षा विभाग और सरकार की लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जो खुद शिक्षा विभाग संभाल रहे हैं, उन्हें इस मामले में जवाब देना चाहिए।
सिलियारी में धरने पर बैठे पूर्व विधायक
इस गंभीर मामले को उजागर करने के बाद पूर्व विधायक विकास उपाध्याय सिलियारी स्थित रियल पेपर मिल के सामने धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक इस भ्रष्टाचार की पूरी तरह से जांच नहीं होती और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
मीडिया से की अपील
विकास उपाध्याय ने मीडिया से भी अपील की है कि वे इस भ्रष्टाचार के मामले को जनता के सामने लाएं ताकि सरकार इस मामले में जवाबदेही ले सके। उन्होंने कहा कि यह बच्चों के भविष्य का सवाल है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।