रिपोर्टर :- कंचन यादव
रायपुर :- सन् 1975 से 1977 के कालखंड के 21 माह की अवधि, जिसे भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में जाना जाता है, ने देश के इतिहास में एक गहरी छाप छोड़ी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा के उस निर्णय को नकार दिया था, जिसमें उन्होंने रायबरेली लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की विजय को अवैध करार दिया था और उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाकर छह वर्षों तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया था।प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बजाय, इंदिरा गांधी ने 26 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी।
इस दौरान, समाचार पत्रों की स्वतंत्रता और नागरिकों के अभिव्यक्ति के अधिकार छीन लिए गए। रातोंरात देश के सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर मीसा/डी आई.आर. कानून के अंतर्गत जेलों में डाल दिया गया, और इन गिरफ्तारियों को किसी न्यायालय में चुनौती देने या जमानत की कोई स्वतंत्रता नहीं थी। देश भर में लाखों सत्याग्रही सड़कों पर उतरकर “इंदिरा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन करते रहे, लेकिन उन्हें भी गिरफ्तार कर भयंकर यातनाएं दी गईं।इस काले अध्याय को स्मरण करते हुए लोकतंत्र सेनानी संघ प्रतिवर्ष 25-26 जून को “लोकतंत्र स्मृति दिवस” और “काला दिवस” के रूप में मनाते हैं। इस वर्ष, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के समस्त आपातकाल के प्रताड़ित सेनानियों और उनके परिजनों को सम्मान प्रदान करने के लिए 26 जून को अपने आवास पर आमंत्रित किया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में डॉ. रमण सिंह की सरकार ने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देना प्रारंभ किया था, जिसे 2019 से भूपेश बघेल की सरकार ने बंद कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन न कर मामले को सुप्रीम कोर्ट में लटका दिया गया था। विष्णु देव साय की सरकार ने सत्ता में आते ही सुप्रीम कोर्ट से प्रकरण वापस लेकर सभी सेनानियों के सम्मान को पुनः बहाल किया और भूपेश सरकार द्वारा रोकी गई पांच वर्षों की बकाया सम्मान निधि एक साथ प्रदान कर सेनानियों का मनोबल बढ़ाया है।इस अवसर पर, सभी जिलों से सेनानी अपने-अपने स्तर पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत मुख्यमंत्री आवास पर करेंगे।
सम्मान समारोह में लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र गहलोत, सांसद, राजस्थान विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश संगठन प्रभारी द्वारिका जायसवाल और प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी ने प्रदेश के समस्त सेनानियों से इस समारोह में उपस्थित होने की अपील की है।यह सम्मान समारोह लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों और बलिदानों को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़े और आज भी हमारे प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।