छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध और कुशासन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के लिए आज 27 सितंबर से छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने “छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा” की शुरुआत की है। यह यात्रा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में निकाली जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य में न्याय, सत्य, अहिंसा और मानवता का संदेश फैलाना है। यात्रा की शुरुआत महान संत बाबा गुरुघासीदास के आशीर्वाद से और तपोभूमि गिरौदपुरी की पवित्र माटी को नमन कर की गई। यह ऐतिहासिक यात्रा 2 अक्टूबर 2024 को रायपुर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में समाप्त होगी, और इसके समापन के साथ छत्तीसगढ़ की जनता के अधिकारों की लड़ाई में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
“छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा” सिर्फ न्याय की मांग करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता, समर्पण और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान प्रदेश की जनता को भाजपा सरकार की नाकामियों से अवगत कराया जाएगा, जिसमें कुशासन, अपराध, अन्याय, दमन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राज्य में बढ़ते अपराध और अपराधियों के हौसले इस बात का प्रमाण हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की साय सरकार अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रही है।
पिछले नौ महीनों में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश कांग्रेस लगातार कुशासन और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाती आ रही है। “न्याय यात्रा” उसी संघर्ष की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसके माध्यम से कांग्रेस पूरे प्रदेश की जनता की आवाज को मुखर रूप से उठाने का काम कर रही है। यह यात्रा प्रदेशभर में जनजागरण का एक आंदोलन बनेगी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, विधायक, पूर्व विधायक, यूथ कांग्रेस, NSUI, सेवादल के सदस्य और हजारों कार्यकर्ता शामिल होंगे।
इस यात्रा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव, सह प्रभारी संपत, श्रीमती जरिता, विजय जंगिड, तथा कई विधायक और पूर्व विधायक समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।
इसके साथ ही इस न्याय यात्रा में गांधी के सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन करते हुए, गिरौदपुरी धाम से राजधानी रायपुर तक की यह यात्रा जनता के अधिकारों और न्याय की मांग के प्रतीक के रूप में आयोजित की जा रही है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील की है कि वे इस न्याय यात्रा का हिस्सा बनें और अपनी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने में योगदान दें।
यह यात्रा सिर्फ एक आंदोलन नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता के अधिकारों, न्याय और सामाजिक समानता की लड़ाई में एक ऐतिहासिक कदम है।