रायपुर(Raipur)वर्ष 1990 में जब मैं विधायक बना, तब एक साधु की तरह दिखने वाला एक लंबा व्यक्ति मेरे पास आवेदन लेकर आया। वह 1964 से राजस्व के एक मामले के सिलसिले में राजस्व कार्यालय के चक्कर लगा रहा था। उसे अपने मामले की सभी जानकारियाँ याद थीं, कागजात पलटने की जरूरत नहीं पड़ी। मैंने उसे अपनी गाड़ी से एसडीएम कार्यालय पहुँचाया और उसके मामले का निवारण किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज निवास कार्यालय में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह किस्सा साझा किया और कहा कि हमें राजस्व अमले की व्यवस्था को सुधारना है। राजस्व विभाग आम आदमी से सीधा जुड़ा हुआ है, और इसकी छवि को सुधारने के लिए हमें कार्य करना होगा। बैठक में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए पटवारियों को हटाया जाए और ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि निश्चित समय के बाद पटवारी का अनिवार्य स्थानांतरण हो। उन्होंने कहा कि आम जनता को दैनिक सरकारी कामकाज में पटवारी के सहयोग की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पटवारी अपने मुख्यालय में रहकर कार्य करें।
उन्होंने प्रदेश के विभिन्न सरकारी कार्यालयों की भूमि का शासन के पक्ष में नामांतरण अभियान चलाकर पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, नगरीय क्षेत्रों में शहरी पट्टों के वितरण के लिए आवश्यक कार्यवाही को शीघ्र पूरा करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने फौती नामांतरण, बंटवारा, और अविवादित नामांतरण जैसे राजस्व मामलों के निवारण में तेजी लाने और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए राजस्व विभाग को डिजिटल नवाचारों पर तेजी से काम करना चाहिए।
राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने मुख्यमंत्री को विभाग की योजनाओं, गतिविधियों और आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्वामित्व योजना, राहत कार्यालय का कार्य, राजस्व न्यायालय, जिओ रिफ्रेंसिंग और डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अद्यतन जानकारी साझा की।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, और आयुक्त भू अभिलेख रमेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।