रायपुर(Raipur) के आईसीएफएआई विश्वविद्यालय में आयोजित दूसरे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री रमेन डेका ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सतत् सीखने की इच्छा अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और सीखने की कोई उम्र नहीं। अच्छे इंसान बनकर ही बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है।
समारोह में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 21 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 18 विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किए गए। कुल 362 विद्यार्थियों को उपाधियां भी दी गईं।
राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पदक विजेताओं में छात्राओं की संख्या अधिक है, जो प्रेरणादायक है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
उन्होंने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर करने में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल ने निजी शैक्षणिक संस्थानों को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर आर. पी. कौशिक और कुलपति डॉ. एस. पी. दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमेन श्री बृजेश चंद्र मिश्रा, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, विद्यार्थी और उनके अभिभावक उपस्थित थे।
संवाददाता – बीना बाघ