रायपुर(Raipur) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में पुस्तक ’50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ’ के विमोचन के अवसर पर जीवन के संघर्षों और उनकी चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जीवन समझौतों, बाधाओं और विरोधाभासों का खेल है, चाहे व्यक्ति पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक, या कॉर्पोरेट जीवन में हो। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ को समझना बेहद जरूरी है। गडकरी ने राजनीति को ‘असंतुष्ट आत्माओं का समंदर’ बताते हुए कहा कि यहां हर व्यक्ति महत्वाकांक्षा के कारण असंतुष्ट रहता है। उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव से साझा किया कि पद या स्थिति की आकांक्षा हर किसी को दुखी कर देती है।
‘हार मानना ही असली हार है’
गडकरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के एक विचार का उल्लेख किया: “कोई व्यक्ति तब समाप्त नहीं होता, जब वह हार जाता है। वह तब समाप्त होता है, जब वह हार मान लेता है।” उन्होंने इसे जीवन का अहम सबक बताया।
महत्वाकांक्षा और असंतोष की राजनीति
राजस्थान के एक कार्यक्रम को याद करते हुए गडकरी ने कहा कि पार्षद विधायक बनने की चाहत में दुखी है, और विधायक मंत्री न बन पाने के कारण। उन्होंने कहा कि जीवन की समस्याएं बड़ी चुनौतियां पेश करती हैं, लेकिन उनका सामना करके आगे बढ़ने का नाम ही जीवन जीने की कला है।
संवाददाता – बीना बाघ