रायपुर(Raipur) छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक अहम फैसले को पलटने की तैयारी कर ली है। सरकार ने इसके लिए एक नया अध्यादेश तैयार किया है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। यह अध्यादेश राज्य में मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों के चुनावों से संबंधित है।
प्रत्यक्ष प्रणाली की ओर लौटेगी सरकार
वर्तमान में राज्य में मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहा है, जिसे भूपेश बघेल सरकार ने 2018 में लागू किया था। इससे पहले राज्य में मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान के जरिए होता था। अब भाजपा सरकार इसे फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली में बदलने की योजना बना रही है।
कैबिनेट में होगा अध्यादेश पर फैसला
सूत्रों के अनुसार, अध्यादेश को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके साथ ही महापौर, पार्षद, और नगर पालिका अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से तय की जाएगी। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सर्वे रिपोर्ट भी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत की जा सकती है।
यह कदम राज्य में चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
संवाददाता – बीना बाघ