नई दिल्ली: शुक्रवार, 22 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों की संगोष्ठी ‘लोकमंथन-2024’ का औपचारिक उद्घाटन करेंगी। 21 से 24 नवंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की संभावना है।
यह आयोजन ‘प्रज्ञा प्रवाह’ नामक संगठन द्वारा किया जा रहा है, जो ‘राष्ट्र-प्रथम’ की भावना वाले बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को एक मंच प्रदान करता है। कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। ‘प्रज्ञा प्रवाह’ के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने बताया कि 21 नवंबर से प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं, जबकि उद्घाटन समारोह 22 नवंबर को होगा।
गौरतलब है कि ‘लोकमंथन’ का यह द्विवार्षिक आयोजन पहली बार 2016 में शुरू हुआ था और इसे भोपाल, रांची और गुवाहाटी जैसे शहरों में भी आयोजित किया जा चुका है।
भारतीय संस्कृति पर बल: वेंकैया नायडू का बयान
21 नवंबर को प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारतीय संस्कृति की जड़ों की ओर लौटने और स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं और संस्कार अद्वितीय हैं, और इन्हें अपनाना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अपनी व्यापकता और पवित्रता के लिए जाना जाता है, जो पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति गहरी संवेदनशीलता रखता है। नायडू ने यह भी कहा कि विदेशी आक्रमणों ने न केवल हमारी संपत्ति, बल्कि हमारी मानसिकता को भी प्रभावित किया है, और अब समय आ गया है कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनः अपनाएं।
संवाददाता – बीना बाघ