उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पोटाश बम की चपेट में आने से घायल हुआ जंगली हाथी, वन विभाग की टीम कर रही लगातार निगरानी

गरियाबंद: उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व से बड़ी खबर सामने आई है, जहां शिकारियों द्वारा जंगल में लगाए गए पोटाश बम की चपेट में आकर एक जंगली हाथी घायल हो गया है। यह हाथी अपने दल से बिछड़ गया है, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में वन विभाग और विशेषज्ञों की टीमें लगातार ड्रोन कैमरे के माध्यम से हाथियों पर नजर बनाए हुए हैं और उनकी हर गतिविधि की जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि, घने जंगल होने के कारण ड्रोन कैमरे से निगरानी में विभाग को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

छोटा हाथी हुआ घायल, जबड़े में सूजन और पैर में चोट

वन विभाग के अनुसार, घायल हाथी दल का छोटा सदस्य है। उसका जबड़ा सूजा हुआ है और पैर में चोट लगी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवतः हाथी ने पोटाश बम को चाट लिया होगा, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। जंगल में बम के टुकड़े और खून के निशान भी पाए गए हैं, जिससे इस घटना की पुष्टि होती है।

ग्रामीणों में वन विभाग ने जारी की सतर्कता

हाथी के दल से एक सदस्य के घायल होने और अलग हो जाने के कारण स्थानीय ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया है। घायल हाथी की स्थिति के कारण वह आक्रामक हो सकता है, इस संभावना को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने लगातार ग्रामीणों को सतर्क किया है। विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल क्षेत्र में न जाएं और हाथी से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।

उपनिदेशक वरुण जैन ने दी जानकारी

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि सिकासर दल का एक हाथी घायल हो गया है। वन विभाग की टीम लगातार सीतानदी वन परिक्षेत्र में ड्रोन कैमरे और विशेषज्ञों के माध्यम से हाथियों के दल पर नजर रख रही है। उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल पर पोटाश बम के टुकड़े और खून मिले हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हाथियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए कई स्तरों पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, घने जंगल होने के कारण हाथियों की निगरानी में कठिनाई आ रही है, लेकिन वन विभाग की टीम हर संभव प्रयास कर रही है।

वन विभाग की टीम में प्रमुख अफसरों का योगदान

घायल हाथी की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने में वन विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन, एसडीओ गोपाल कश्यप, ड्रोन ऑपरेटर मनीष राजपूत, अभिनंदन तिवारी, बीट गार्ड राहुल राजपूत, और रूपेंद्र मरकाम जैसे अधिकारी पिछले तीन दिनों से लगातार सीतानदी वन परिक्षेत्र में डटे हुए हैं। इनकी सतर्कता और कठिन परिश्रम के कारण ही हाथी के दल पर निगरानी संभव हो पाई है।

वन विभाग का प्रयास और भविष्य की योजना

वन विभाग घायल हाथी की मदद और शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में प्रयासरत है। घायल हाथी की हालत में सुधार और उसके दल में पुनः शामिल होने तक वन विभाग अपनी सतर्कता और निगरानी बनाए रखेगा।

संवाददाता – बीना बाघ

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