हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि बीजेपी लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने जा रही है। इन नतीजों ने हरियाणा के बारे में किए गए तमाम एग्जिट पोल को भी गलत साबित कर दिया, जो कांग्रेस की भारी जीत का अनुमान लगा रहे थे।
बीजेपी ने हरियाणा में अपनी जीत के पीछे एक पुराना फॉर्मूला लागू किया, जो अमित शाह द्वारा विकसित किया गया था। पिछले 10 वर्षों से बीजेपी राज्य में सत्ता में थी, और ऐसे कई मुद्दे थे, जैसे एंटी इंकंबेंसी, जो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते थे। लेकिन चुनाव से 7 महीने पहले बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेला और तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर को पद से हटा दिया।
खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी ने 2019 का चुनाव लड़ा था, लेकिन तब पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि, जेजेपी के समर्थन से बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही थी। 2024 में किसी भी खतरे से बचने के लिए बीजेपी ने खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंप दी। इस बार पार्टी ने सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और एक नए चेहरे को जनता के सामने पेश किया।
नतीजे बताते हैं कि जनता ने नायब सिंह सैनी पर भरोसा जताया है, जिससे बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही है। अचानक चुनाव से पहले सीएम बदलने और नए चेहरे के साथ चुनाव में उतरने का यह फॉर्मूला बीजेपी के लिए नया नहीं है। पार्टी ने इसे उत्तराखंड, त्रिपुरा और गुजरात जैसे राज्यों में भी सफलतापूर्वक लागू किया है।