आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावटी घी के मामले की जांच अब उत्तराखंड तक पहुंच चुकी है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की टीम 7 अक्टूबर, सोमवार को हरिद्वार पहुंची। केंद्रीय टीम ने भगवानपुर क्षेत्र स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में लगभग दो घंटे तक जांच-पड़ताल की। यह बताया जा रहा है कि इस कंपनी से तिरुपति मंदिर में भी घी की आपूर्ति की गई थी। इससे पहले उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने भी इस कंपनी पर छापा मारा था, लेकिन उन्हें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। FDA की जांच से यह सामने आया था कि कंपनी में पिछले दो महीनों से कोई उत्पादन नहीं हो रहा था, अर्थात उस अवधि में कोई घी नहीं बनाया गया था।
हालांकि, FDA के अधिकारियों को वहां से घी के कुछ रैपर मिले थे। अब सोमवार को FSSAI की टीम ने भी फैक्ट्री पर छापा मारा। तीन सदस्यों वाली इस टीम ने करीब दो घंटे तक न केवल फैक्ट्री की जांच की, बल्कि यह जानने का प्रयास भी किया कि दस सालों से चल रही यह फैक्ट्री अचानक से एक महीने पहले क्यों और किन परिस्थितियों में बंद हो गई। टीम फैक्ट्री के बंद होने और तिरुपति लड्डू विवाद की टाइमिंग के बीच कोई संबंध ढूंढने की कोशिश कर रही है।
यह भी बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के लाइसेंस का नवीनीकरण हाल ही में 4 अक्टूबर को किया गया था, जबकि यह अगस्त में होना चाहिए था। केंद्रीय टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना के फैक्ट्री पर छापा मारा। उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन के अनुसार, केंद्रीय टीम ने आने से पहले कोई जानकारी नहीं दी थी और सोमवार को अचानक ही भगवानपुर पहुंची।
उत्तराखंड की खाद्य सुरक्षा एजेंसी भी अपनी ओर से जांच कर रही है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि फैक्ट्री में जो घी बनाया जा रहा था, उसके लिए दूध कहां से आता था और फैक्ट्री का दैनिक उत्पादन कितना था।