रायपुर(Raipur)शिवसेना (UBT) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को एक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया गया है। गुरुवार को मुंबई की सिवड़ी अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें 15 दिन की कैद की सजा सुनाई और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने राउत पर उनके और उनके पति के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने का आरोप लगाया था। मामला क्या था?मेधा सोमैया ने अपनी शिकायत में कहा था कि संजय राउत ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि वह और उनके पति, भाजपा नेता किरीट सोमैया, मीरा-भयंदर क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे। मेधा का दावा था कि ये आरोप निराधार और उनकी छवि को धूमिल करने वाले थे। उन्होंने आरोप लगाया कि राउत ने टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिए, जो सार्वजनिक रूप से प्रसारित हुए और इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ।मेधा सोमैया का कहना था कि वह एक सम्मानित शिक्षाविद् हैं और माटुंगा स्थित रामनारायण रुइया कॉलेज में 20 वर्षों से अधिक समय तक ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर रह चुकी हैं। इसके अलावा, वह 25 से अधिक चैरिटेबल संगठनों से भी जुड़ी हैं और समाज में उनका एक सम्मानित स्थान है। उन्होंने अदालत में यह दावा किया कि राउत के बयानों ने उनके सामाजिक और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित किया है और उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। अदालती कार्यवाहीमेधा सोमैया ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि राउत के बयान विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित किए गए, जिनमें प्रमुख टीवी चैनल और सोशल मीडिया शामिल थे। उन्होंने अदालत में उन बयानों के वीडियो क्लिप और समाचार पत्रों की कटिंग भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कीं, जिसमें राउत द्वारा किए गए आरोपों को देखा जा सकता था।अदालत ने इस मामले में संजय राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दोषी पाया, जो मानहानि के लिए सजा का प्रावधान करती है। राउत को 15 दिन की सजा के साथ 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।राजनीतिक और कानूनी प्रतिक्रियाएँइस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि संजय राउत, शिवसेना (UBT) के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और अक्सर भाजपा पर तीखे हमले करने के लिए जाने जाते हैं। राउत ने इस मामले में अपने खिलाफ आए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अदालत के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन वह इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने पर विचार कर रहे हैं।