छत्तीसगढ़ में “डबल इंजन” की सरकार के तहत विकास की गति नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, जिससे राज्य की राष्ट्रीय पहचान और मजबूत हो रही है। सड़क, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य को केंद्र से 1171 करोड़ रुपये मिले हैं। केंद्र सरकार की पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) योजना के तहत छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष-5 राज्यों में शामिल हो गया है, और असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा, और सिक्किम जैसे राज्यों से आगे निकल गया है।
राज्य सरकार जीवन स्तर को सुधारने और लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। बस्तर से सरगुजा तक, हर वर्ग की समस्याओं को समझते हुए सरकार ने त्वरित निर्णय लिए हैं, जिससे सरकार और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता और मजबूत हुआ है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ कैपेक्स में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष-5 राज्यों में शामिल है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में सुशासन और अभिसरण के लिए एक नया विभाग भी बनाया गया है। यह विभाग विभिन्न शासकीय विभागों में जनता को होने वाली समस्याओं का समाधान करेगा। कलेक्टर स्तर पर परफॉरमेंस रिपोर्ट तैयार की जाएगी ताकि हितग्राहियों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। डिजिटलाइजेशन से न केवल कार्यों में पारदर्शिता आ रही है बल्कि विभागों का प्रदर्शन भी सुधर रहा है, जिससे सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है।
छत्तीसगढ़ सरकार शासकीय विभागों को समयानुसार अपडेट करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिसमें लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 90 सेवाओं का डिजिटलीकरण, शासकीय खरीदी में पारदर्शिता के लिए जैम पोर्टल की शुरुआत, और एनओसी प्रक्रिया का सरलीकरण शामिल है। मुख्यमंत्री साय की दूरदर्शी सोच से ईज ऑफ लिविंग की अवधारणा को मजबूती मिल रही है।
छत्तीसगढ़ में युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने और किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी परिवर्तनकारी कदम उठाए जा रहे हैं। इसका असर डीपीआई स्कोर पर भी दिख रहा है, जहां छत्तीसगढ़ का स्कोर 37.0 है, जो दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों से बेहतर है। दूसरे राज्यों की तुलना में, छत्तीसगढ़ में लगातार विकास हो रहे हैं, और इन विकास कार्यों को जनता की जरूरतों के अनुसार ढाला जा रहा है।