रायपुर(Raipur)छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) द्वारा 660 करोड़ रुपए की रिएजेंट खरीदी में भ्रष्टाचार की जांच अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) करेगी। शुक्रवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने ध्यानाकर्षण के जवाब में इसकी घोषणा की। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने इस खरीदी का मुद्दा उठाया था।
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में यह खरीदी सुनियोजित रूप से की गई थी। इसमें बिना डिमांड और आवश्यकता के रिएजेंट की आपूर्ति की गई। इनमें से 28 करोड़ रुपए के रिएजेंट खराब हो चुके हैं और अन्य रिएजेंट के खराब होने की आशंका है।
बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन ने बाजार दर से चार से 200 गुना अधिक कीमत पर रिएजेंट और उपकरण सप्लाई किए। ऑडिट में यह खुलासा हुआ था कि 182 जांच उपकरण, मशीन और केमिकल रिएजेंट की खरीदी पर 608 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
उदाहरण के तौर पर, एक रिएजेंट जिसकी बाजार कीमत 31 हजार रुपए थी, उसे 1.96 लाख रुपए में खरीदा गया। इसी तरह, 70 हजार रुपए की कीमत वाले रिएजेंट को 5.86 लाख रुपए में खरीदा गया।
ऑडिट में गड़बड़ी उजागर
ऑडिट रिपोर्ट में भी इस खरीदी में गड़बड़ियों की पुष्टि हुई थी। 2021 में प्रिंसिपल अकाउंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट में 193 करोड़ रुपए की खरीदी पर सवाल उठाए गए थे। इसके बावजूद टेंडर निरस्त नहीं किया गया और सप्लाई जारी रही।
भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच अब ईओडब्ल्यू करेगी।
संवाददाता – बीना बाघ