भोपाल(Raipur) मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार के 7 लाख से अधिक कर्मचारियों को डीए (महंगाई भत्ता) की बढ़ी हुई राशि जल्द ही उनके खातों में मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंजूरी मिलते ही इस योजना पर अमल हो जाएगा। खास बात यह है कि इस बार राज्य सरकार को इसके लिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले मध्य प्रदेश को 14,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया है, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और कर्मचारियों के साथ जनता के भी अच्छे दिन आ सकेंगे।
केंद्र सरकार का दिवाली उपहार
केंद्र सरकार ने दिवाली के मौके पर मध्य प्रदेश को बड़ा आर्थिक पैकेज दिया है, जिससे राज्य को आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। इस साल जुलाई में संसद में पेश केंद्रीय बजट में, एमपी को केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 97,906 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। केंद्र सरकार इस राशि को एमपी को 14 किस्तों में प्रदान कर रही है। अक्टूबर में 7-7 हजार करोड़ रुपये की दो किस्तें दी गईं, जिससे राज्य को इस महीने कुल 14,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
6,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं लेना पड़ेगा
मध्य प्रदेश सरकार हर महीने कर्ज लेकर अपने खर्च पूरे कर रही थी, लेकिन केंद्र से मिली इस राशि से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है। इससे राज्य सरकार को इस महीने 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र ने ऐसे समय पर एक साथ दो किस्तें जारी की हैं जब सरकार को पैसों की सख्त जरूरत थी। इस अतिरिक्त किस्त से सरकार इस महीने बिना कर्ज लिए काम कर सकेगी और अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार इस राशि का उपयोग करेगी।
चालू वित्तीय वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है। राज्य पर कुल कर्ज 4 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरुआत में सरकार ने पहले चार महीने में कोई कर्ज नहीं लिया था, लेकिन अगस्त से लेकर अब तक चार बार 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। मार्च 2024 की स्थिति में एमपी सरकार पर 3.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जो अब बढ़कर 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
संवाददाता – बीना बाघ