छत्तीसगढ़ सरकार ने आपातकाल (1975-77) के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में रहे लोगों की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
कैबिनेट ने ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008’ में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसके तहत दिवंगत ‘लोकतंत्र सेनानियों’ का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके अलावा, अंत्येष्टि के लिए मीसाबंदी के परिवार को 25,000 रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लगभग 350 ऐसे ‘लोकतंत्र सेनानी’ हैं। इस साल फरवरी में, नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने मीसाबंदियों के लिए पेंशन योजना को फिर से बहाल किया था, जिसे 2019 में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था।
यह पेंशन योजना पहली बार 2008 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी। मीसाबंदियों को पेंशन तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये से 25,000 रुपये प्रति माह तक प्रदान की जाती है।
संवाददाता – बीना बाघ