कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इससे पहले, उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को हटाने और अन्य मांगों को लेकर राज्य सरकार को 24 घंटे की समयसीमा दी थी, जो अब खत्म हो चुकी है। सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने पर डॉक्टरों ने अनशन का रास्ता अपनाया है।
डॉक्टरों ने कहा है कि भूख हड़ताल में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपने धरना स्थल पर CCTV कैमरे लगाए हैं ताकि लोग देख सकें कि वहां क्या हो रहा है। गौरतलब है कि इस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिनों की हड़ताल की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी 5 में से 3 मांगें मान ली थीं, और हड़ताल समाप्त की गई थी।
हालांकि, 27 सितंबर को सागर दत्ता अस्पताल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों के साथ मारपीट की घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों में फिर नाराजगी बढ़ गई। 1 अक्टूबर को उन्होंने फिर से हड़ताल शुरू की, लेकिन 4 अक्टूबर को मरीजों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने कार्य बहिष्कार खत्म करने का फैसला किया और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने राज्य सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता के धर्मतला क्षेत्र में डोरीना क्रॉसिंग पर अपनी मांगों के समर्थन में अनशन शुरू किया है। अनशन में फिलहाल 6 जूनियर डॉक्टर शामिल हैं, जिनमें कोलकाता मेडिकल कॉलेज की स्निग्धा हाजरा, तान्या पांजा, और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज के पुलस्थ आचार्य और के.पी.सी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं।डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अनशन के दौरान अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें जनसमर्थन प्राप्त है और प्रशासन के किसी भी तरह के दबाव से वे पीछे नहीं हटेंगे।