रायपुर(Raipur) छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना की राशि के भुगतान रुकने का मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि 838 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2024 तक निजी अस्पतालों को 1096 करोड़ रुपये और सरकारी अस्पतालों को 560 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि टीपीए के जरिए क्लेम का भुगतान किया जाता है और भ्रष्टाचार रोकने के लिए 75 अस्पतालों की जांच की गई है। इस जांच में 11 अस्पतालों पर 151 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
विधायक विक्रम मंडावी ने सवाल किया कि लंबित भुगतान के चलते निजी अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं, ऐसे में सरकार क्या कार्रवाई करेगी? इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध है। अगर रजिस्टर्ड अस्पताल इलाज से इनकार करते हैं तो उन्हें डी-इंपैनल किया जाएगा और आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि लंबित भुगतान को क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिली है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरक प्रश्न के तहत कहा कि 1400 करोड़ रुपये का भुगतान रुका हुआ है, जिससे छोटे अस्पताल बंद होने के कगार पर हैं और इलाज प्रभावित हो रहा है। उन्होंने पूछा कि भुगतान कब तक होगा?
इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में देनदारी को कम किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 300 करोड़ रुपये की राशि जल्द जारी कर लंबित भुगतान की समस्या का समाधान किया जाएगा। भूपेश बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के कारण मौतें हो रही हैं और स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि जांच और दवा वितरण भी बंद हो चुका है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि इस विषय पर कभी बहस करा लें, तब पता चलेगा कि उनके कार्यकाल के दौरान कितनी समस्याएं थीं।
संवाददाता – बीना बाघ