छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर: दंतेवाड़ा में प्रकृति, शिक्षा और संस्कृति का संगम

रायपुर(Raipur) दंतेवाड़ा मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर दूर टेकनार में छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर स्थापित किया गया है। 18 एकड़ में फैले इस मंदिर को लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसका लोकार्पण आज राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप करेंगे।

सात वन का अनूठा संयोजन:

वन विभाग ने वन मंदिर को सात अलग-अलग वन मॉडल में विभाजित किया है, जिनमें सप्त ऋषि वन, नवग्रह वन, नक्षत्र वन, राशि वन, आरोग्य वन, रॉक गार्डन, और पंचवटी वन शामिल हैं। इन मॉडलों में भगवान श्रीराम के वनवास काल का वर्णन और तितलियों, शेर, हाथी, भालू जैसी प्रजातियों की 3D पेंटिंग और पोस्टर लगाए गए हैं, जो अपनी कहानी खुद बयां करते हैं।

विशेष पौधों और कलाकृतियों का प्रदर्शन:

यह वन मंदिर राशि, ग्रह, और नक्षत्रों से संबंधित पौधों का घर है। यहां लगाए गए प्रत्येक पौधे की जानकारी पेंटिंग और स्लोगन के जरिए दी गई है, ताकि पर्यटक इन्हें आसानी से समझ सकें।

हर्बल गार्डन का महत्व:

भारतीय परंपराओं और औषधीय ज्ञान को संरक्षित करते हुए, यहां गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए उपयोगी औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं। भविष्य में इनसे औषधि निर्माण की योजना है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल:

वन मंदिर में स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा। उन्हें औषधि निर्माण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी आजीविका सुगम होगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

एडवेंचर और शिक्षा का केंद्र:

इस वन मंदिर में चिल्ड्रन पार्क और एडवेंचर पार्क भी विकसित किए गए हैं, जो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। यह स्थान शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति का अनूठा संगम प्रदान करेगा।

प्रकृति और संस्कृति का मिलन:

दंतेवाड़ा में बना यह वन मंदिर न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा, बल्कि लोगों को भारतीय संस्कृति, औषधीय पौधों और वन्य जीवन से भी परिचित कराएगा।

संवाददाता – बीना बाघ

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