रायपुर(Raipur) रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का चुनाव आखिरकार समाप्त हो गया है। क्षेत्र के लगभग 2 लाख 73 हजार मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया, जिससे यह चुनाव बिना किसी ठोस मुद्दे के बेहद ठंडा रहा। केवल 49 प्रतिशत मतदान होने से यह चुनाव विश्लेषकों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
2023 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। पिछले चुनाव में 60.20 प्रतिशत और 2018 में 61.70 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस समय महिला मतदाताओं ने पुरुषों की अपेक्षा अधिक उत्साह दिखाया था। इस उपचुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से 25 हजार अधिक होने के बावजूद, इस बार उनकी सक्रिय भागीदारी अपेक्षा से कम रही। पुरुष मतदाता और नए मतदाता भी मतदान को लेकर उदासीन दिखे।
विश्लेषकों का मानना है कि मतदाताओं का मतदान केंद्र तक न पहुंचने की मुख्य वजह इस चुनाव का विधानसभा की सामान्य स्थिति पर कोई बड़ा असर न डालना है। इस चुनाव का परिणाम भाजपा को सत्ता से नहीं हटाएगा और न ही कांग्रेस की वापसी करवाएगा। इसके अलावा, उम्मीदवार और पार्टियां मतदाताओं में उत्साह जगाने में असफल रहीं। किसी ठोस मुद्दे का अभाव भी वोटरों को प्रेरित नहीं कर सका।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस चुनाव का परिणाम भले ही विधानसभा की तस्वीर में कोई बदलाव न लाए, लेकिन यह जरूर देखना दिलचस्प होगा कि कम मतदान के कारण वोटों का अंतर कितना रहता है। यदि यह अंतर हजारों से घटकर सैकड़ों में पहुंच गया, तो यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए नए राजनीतिक मुद्दे का आधार बन सकता है।
संवाददाता – बीना बाघ