भोपाल: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रसूताओं को पिछले एक वर्ष से योजना की राशि नहीं मिल पाई है, जिससे लगभग एक लाख महिलाएं प्रभावित हैं और उन्हें इसकी प्रतीक्षा है। सीएम हेल्पलाइन में इस मुद्दे को लेकर 25 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, और हर दिन 70 से 100 नई शिकायतें आ रही हैं। इस योजना के अंतर्गत पहले प्रसव के लिए महिलाओं को तीन किस्तों में कुल 5,000 रुपये दिए जाते हैं।
तकनीकी समस्या बनी बाधा
जानकारी के अनुसार, योजना में कुछ बदलाव के बाद इसका संचालन एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) को सौंपा गया था, जिसने नया सॉफ़्टवेयर तैयार किया। इस सॉफ़्टवेयर के ज़रिए नए लाभार्थियों को जोड़कर उन्हें राशि वितरित की जा रही है, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते पुराने लाभार्थियों को नए सॉफ़्टवेयर में शिफ्ट नहीं किया जा सका है। इस कारण उनके खाते में राशि जमा नहीं हो पा रही है।
पुराने लाभार्थियों की किस्तें रुकीं
पुराने लाभार्थियों में कई महिलाओं की एक, दो या तीनों किस्तें रुकी हुई हैं। केंद्र सरकार ने योजना की पात्रता शर्तों में कुछ बदलाव किए थे। पहले योजना का लाभ केवल पहले बच्चे पर मिलता था, लेकिन अब दूसरी संतान यदि बालिका हो तो भी लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा, पूर्व में योजना के लिए परिवार की आय सीमा निर्धारित नहीं थी, पर अब इसे 8 लाख रुपये तक सीमित कर दिया गया है। नए नियमों के तहत नए लाभार्थियों को जोड़ा गया है, लेकिन पुराने लाभार्थी इस बदलाव के चलते लाभ से वंचित हैं।
प्रसूति सहायता योजना की राशि भी रुकी मुख्यमंत्री
श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को पिछले तीन महीने से राशि नहीं मिली है। यह समस्या पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है, जिसका मुख्य कारण बजट की कमी है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों को अलग-अलग किस्तों में 16,000 रुपये दिए जाते हैं।
संवाददाता – बीना बाघ