रायपुर(Raipur)छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने मंत्रालय में राज्य के सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं के कार्यों की गहन समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को शहरों के समग्र विकास और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि काम में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शहरों का विकास सुव्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से हो। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक कुंदन कुमार भी उपस्थित थे।
साव ने बैठक में अधिकारियों से पुरानी कार्यशैली में बदलाव लाने और एक नई कार्य संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने केवल निर्माण, सप्लाई और खरीदी के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि शासन के निर्देशों की अनदेखी, कार्यों में अनियमितता या खराब गुणवत्ता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस प्रकार की लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।बैठक में उप मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से नगरीय निकायों के कर्मचारियों के लंबित वेतन का मुद्दा उठाया और अधिकारियों को इसे प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगस्त और सितंबर माह के वेतन का भुगतान 1 अक्टूबर तक सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने राजस्व संग्रहण को बढ़ाने के लिए गंभीरता और सक्रियता से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कर वसूली की नियमित समीक्षा करने और बड़े बकायादारों से सख्ती से टैक्स वसूलने पर भी जोर दिया, ताकि समय पर वेतन भुगतान में कोई देरी न हो। साव ने निर्माण और अधोसंरचना विकास के कार्यों की भी समीक्षा की और काम की गुणवत्ता को सर्वोपरि रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाए। उन्होंने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया कि स्वीकृत कार्यों के टेंडर की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए और निर्माण कार्यों की शुरुआत की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पिछले नौ महीनों में शहरों के विकास के लिए 1400 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिनका उचित उपयोग कर शहरों की भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए।
उप मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की जो सुबह वार्डों में निरीक्षण के लिए नहीं जा रहे थे। उन्होंने सभी नगरीय निकायों से साफ-सफाई और निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिए सवेरे वार्ड भ्रमण करने का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया। बैठक में नगरीय निकायों के आय-व्यय की स्थिति, राजस्व वसूली, निर्माण कार्यों की प्रगति, स्वच्छ भारत मिशन, मिशन अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, जनसमस्या निवारण पखवाड़ा और ओबीसी सर्वेक्षण कार्य की भी समीक्षा की गई।
इस दौरान, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए कि खरीदी के सभी कार्य जेम पोर्टल के माध्यम से ही किए जाएं। उन्होंने प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त सभी कार्यों को शीघ्र शुरू करने और प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के लिए कहा। इसके साथ ही, उन्होंने संपत्ति कर और अन्य करों की वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने और स्वच्छता दीदियों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। बैठक में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिसमें संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, सुडा (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय और अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य शामिल थे।