रायपुर(Raipur)छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के चावल उद्योग को बढ़ावा देने और गैर-बासमती चावल के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत चावल निर्यातकों को मण्डी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी।
छूट की मुख्य शर्तें:
1. यह छूट केवल उन निर्यातकों को मिलेगी, जो राज्य के राइस मिलर्स और मंडियों से खरीदे गए धान से तैयार गैर-बासमती चावल का निर्यात करेंगे।
2. शिपिंग बिल में चावल के कार्गो का मूल स्थान “छत्तीसगढ़” दर्ज होना अनिवार्य है।
3. संबंधित दस्तावेज़ जैसे वस्तु एवं सेवा कर विवरण, लदान बिल और बैंक री-कॉन्सिलेशन स्टेटमेंट मंडी में जमा करने होंगे।
4. राइस मिलर्स को मंडी अधिनियम के तहत चावल निर्यातकों को परमिट जारी करना होगा।
अधिसूचना की समयावधि:
यह छूट अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष तक प्रभावी रहेगी।
उद्देश्य:
सरकार के इस फैसले का उद्देश्य छत्तीसगढ़ से गैर-बासमती चावल के निर्यात को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसके साथ ही, यह राज्य के किसानों और चावल मिलर्स को अधिक लाभ पहुंचाने में मदद करेगा।
परिणाम:
इस पहल से छत्तीसगढ़ का चावल उद्योग न केवल प्रगति करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
संवाददाता – बीना बाघ