प्रयागराज महाकुंभ-2025: भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने की दिशा में प्रयास

रायपुर(Raipur) योगी सरकार महाकुंभ-2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। इसी उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने रायपुर में एक भव्य रोडशो का नेतृत्व किया। उन्होंने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का अद्वितीय उत्सव बताते हुए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वहां की जनता को प्रयागराज महाकुंभ में आमंत्रित किया।

दिव्य और भव्य आयोजन की तैयारी

13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज के पावन संगम तट पर आयोजित महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों, साधु-संतों और पर्यटकों के आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और बेहतर सुविधाओं का प्रबंध किया है। –

स्वास्थ्य सुविधाएं: परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल और अन्य स्थानों पर छोटे अस्पताल बनाए गए हैं। 24×7 डॉक्टरों की तैनाती के साथ महिला, पुरुष और बच्चा वार्ड अलग-अलग तैयार किए गए हैं। –

पर्यावरण संरक्षण: क्लीन और ग्रीन कुंभ के लिए प्रयागराज में तीन लाख पौधों का रोपण किया गया है। – डिजिटल तकनीक का उपयोग: महाकुंभ के लिए वेबसाइट, ऐप, एआई चैटबॉट, डिजिटल खोया-पाया केंद्र और गूगल मैप एकीकरण जैसी तकनीकों को शामिल किया गया है।

स्मार्ट पार्किंग और यातायात प्रबंधन

पांच लाख वाहनों के लिए 101 स्मार्ट पार्किंग स्पॉट बनाए गए हैं। इनकी निगरानी इंटिग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर से की जाएगी। रिवर फ्रंट समेत 44 घाटों पर पुष्प वर्षा का प्रबंध भी होगा।

भारतीय संस्कृति का वैश्विक उत्सव

राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता का शाश्वत प्रतीक बताया। उन्होंने इसे न केवल स्नान और पूजा का पर्व बल्कि सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण करार दिया।

प्रयागराज महाकुंभ-2025 भारतीय सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का एक ऐसा जीवंत उत्सव होगा जो भारत और विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

संवाददाता – बीना बाघ

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