रायपुर(Raipur)छत्तीसगढ़ का उडिया समाज, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, हर साल नुआखाई पर्व मनाता है।
यह पर्व नई फसल के स्वागत और उसे अर्पण करने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान उडिया समाज के लोग ताजे अन्न से बने विशेष भोग और परंपरागत व्यंजनों के साथ अपने आराध्य देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। नुआखाई का यह पर्व किसानों के प्रति आभार जताने का माध्यम भी है, जो कृषि संस्कृति का प्रतीक है।
छत्तीसगढ़ में जशपुर से सरगुजा और सराईपाली से जगदलपुर तक, उडिया समाज के करीब 24 समुदाय बसे हुए हैं। राज्य के 10 जिलों और 32 विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस समाज की आबादी लगभग 35 लाख है।
इस वर्ष, नुआखाई पर्व पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए स्थानीय अवकाश घोषित किया है। पहले यह अवकाश ऐच्छिक था, लेकिन अब इसे आधिकारिक मान्यता मिलने से उडिया समाज में खुशी का माहौल है।
समाज के लोगों ने भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और भारतीय जनता पार्टी का आभार व्यक्त किया है। उडिया समाज ने इस निर्णय को प्रदेश की प्रगति और समुदायों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने वाला बताया है।
इस निर्णय से प्रदेश में सामाजिक समरसता को मजबूती मिलेगी और विभिन्न समुदायों के बीच मेल-जोल का माहौल बनेगा।
संवाददाता – बीना बाघ