नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि इस योजना के अंतर्गत उन परिवारों के बच्चों को 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन मिलेगा, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है। इस लोन पर 3% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वित्तीय बाधाओं के कारण कोई छात्र उच्च शिक्षा से वंचित न रहे।
गारंटी के बिना मिलेगा लोन वैष्णव ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत, योग्य छात्र किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान से बिना गारंटर या जमानत के लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस लोन में ट्यूशन फीस और अन्य शिक्षा संबंधी खर्चों को कवर किया जाएगा।
22 लाख छात्रों को मिलेगा लाभ उन्होंने योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के 860 प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने वाले 22 लाख से अधिक छात्रों को हर साल इस योजना के तहत एजुकेशन लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही, 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए सरकार 75% क्रेडिट गारंटी भी प्रदान करेगी, ताकि बैंकों के लिए लोन वितरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
एफसीआई को मजबूत बनाने का निर्णय इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) को सशक्त बनाने के लिए 2024-25 में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने की मंजूरी दी है। इस फैसले का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना और देशभर के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करना है।
संवाददाता – बीना बाघ