नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के पहले शीतकालीन सत्र की शुरुआत 25 नवंबर से होगी और यह 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई अहम विधेयकों को पेश किए जाने की उम्मीद है। इनमें “वन नेशन-वन इलेक्शन” और वक्फ कानून में संशोधन के बिल शामिल हैं। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
इससे पहले 18वीं लोकसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक हुआ था। इसमें 15 बैठकें आयोजित की गईं, जो कुल 115 घंटे तक चलीं। सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता 136% रही। इसी सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-2025 पेश किया, जिस पर 27 घंटे और 19 मिनट तक चर्चा चली और 181 सदस्यों ने इसमें भाग लिया। इस सत्र में 65 प्राइवेट मेम्बर बिल भी प्रस्तुत किए गए।
मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में वक्फ कानून (संशोधन) विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे बाद में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया।
23 जुलाई को निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश कर रिकॉर्ड बनाया। उनके बजट भाषण में शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवा पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके अतिरिक्त, बिहार और आंध्र प्रदेश के विकास कार्यों के लिए भी भारी निवेश की घोषणाएं की गईं, जिसमें बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 58,900 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
जातीय जनगणना और अग्निवीर योजना पर भी मानसून सत्र में चर्चा हुई। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई, जिसमें जातीय जनगणना के पक्ष और विपक्ष में विचार प्रस्तुत किए गए।
बांग्लादेश की ताजा स्थिति पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बयान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि वहां के राजनीतिक संकट पर भारत की गहरी नजर है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों और वहां के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश में मौजूद लगभग 19,000 भारतीयों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।
संवाददाता – बीना बाघ