रायपुर(Raipur) सोशल मीडिया ऐसा मंच है जहां हर उम्र और वर्ग के लोग खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। चाहे बच्चे हों, युवा हों, पुरुष, महिलाएं या बुजुर्ग, सभी को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी आज़ादी होती है। लेकिन कभी-कभी सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने से भ्रामक पोस्ट्स के जरिए समाज की शांति व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसा ही एक मामला राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाने में पदस्थ हवलदार महेश नेताम के साथ सामने आया है।
हाल ही में, हवलदार महेश नेताम को लेकर सोशल मीडिया पर एक भ्रामक संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें एक युवक ने उन पर मारपीट के झूठे आरोप लगाए। मठपुरेना क्षेत्र के देवार डेरा स्कूल के पास की दुकानें देर रात तक खुली रहती हैं, जिसके चलते वहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है। यह क्षेत्र नशेड़ियों की गतिविधियों से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जो बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, और अन्य चीजें खरीदने आते हैं और फिर नशा करके हंगामा करते हैं।
इस क्षेत्र के एक दुकानदार रवि शर्मा ने आरोप लगाया कि टिकरापारा थाने के हवलदार महेश नेताम और उनके साथियों ने उसकी दुकान से सामान लिया और पैसे नहीं दिए। इतना ही नहीं, रवि शर्मा ने यह भी दावा किया कि उसे थाने ले जाकर मारपीट की गई। हालांकि, कुछ ही समय बाद ये आरोप बेबुनियाद साबित हो गए। मठपुरेना क्षेत्र के स्थानीय निवासियों और सिमरन सिटी सोसायटी के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि वहां की कुछ दुकानों के देर रात तक खुला रहने की शिकायतें पहले भी की जा चुकी हैं।
स्थानीय समिति के सदस्यों ने कहा कि उनकी शिकायत का मकसद किसी विशेष दुकान को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को बनाए रखना था। समिति के लोगों ने बताया कि पुलिस द्वारा दुकानें समय पर बंद करने की हिदायत कई बार दी जा चुकी थी, लेकिन दुकानदारों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा था। पेट्रोलिंग गाड़ी जाते ही दुकानें दोबारा खुल जाती थीं, और इसी बात पर पुलिस और दुकानदार के बीच बहस हुई थी।
महिलाओं समेत कई स्थानीय निवासियों ने इस बात की पुष्टि की कि इलाके में नशेड़ियों का जमावड़ा होता है और दुकानें देर रात तक खुली रहती हैं, जहां नशे के सामानों की बिक्री होती है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए हवलदार महेश नेताम और उनकी टीम का समर्थन किया।
महेश नेताम न केवल अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई बार सम्मानित हो चुके हैं, बल्कि एक नेक समाजसेवी भी हैं। वह समाज के गरीब बच्चों की शिक्षा और लालन-पालन का जिम्मा उठाते हैं, जिससे वे समाज में एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं।